खरगोन 22 फरवरी, गुरुवार | भगवान श्री नवग्रह देवता ने इस गुरुवार को सुसज्जित पालकी में आकर मेले का भ्रमण किया। नवग्रह महाराज के साथ ढोल-तासों, बैंड-बाजों के साथ निकले मेले में व्यापारी और नागरिकों की भीड़ उमड़ी, जो उनके आशीर्वाद और दर्शन प्राप्त करने के इच्छुक थे। स्थान-स्थान पर दर्शन और पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मंदिर के पुजारी लोकेश जागीरदार ने बताया कि नवग्रह महाराज के नाम से जाने जाने वाले मेले की परंपरा रही है, जिसमें मेले के अंतिम सप्ताह में, यानी गुरुवार को, साप्ताहिक हाट में नवग्रह देवता का भ्रमण किया जाता है। मेला भ्रमण करते समय, जब पालकी यात्रा मंदिर वापस पहुंची, तो इस अवसर पर आतिशबाजी भी हुई। आरती के बाद पालकी यात्रा का समापन भी धूप-धूमधाम के साथ किया गया।
इस अद्भुत आयोजन में नजर आए व्यापारी और नागरिक उत्सुक थे, जो नवग्रह महाराज के आशीर्वाद का लाभ उठाने के लिए उतरे। नवग्रह महाराज को शहर के अधिष्ठाता के रूप में पूजा जाना जाता है, जो इस समय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धारोहर है।
इस मेले ने नवग्रह महाराज के सानिध्यिक में एक धार्मिक और सामाजिक आयोजन का संचार किया और लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक अच्छा मौका प्रदान किया। यहाँ धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का संकेत मिलता है, जो समृद्धि और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।
इस अद्भुत पर्व के माध्यम से, लोग नवग्रह महाराज के साथ जुड़कर धार्मिकता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सीखने और अपनाने का एक अद्वितीय अवसर प्राप्त करते हैं। मेले में उत्सव की रौंगत में भाग लेने वाले सभी लोगों को इस धार्मिक समारोह के साथ जुड़कर एक सामूहिक भावना का हिस्सा बनने का समर्थन किया जा रहा है।
इस सुंदर मोक्षादायिनी पलकी यात्रा के माध्यम से, लोग ने नवग्रह महाराज की कृपा और आशीर्वाद का आनंद लिया, जो उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकता है। यह समाप्त हुआ, परंतु नवग्रह महाराज की कृपा सदा उनके भक्तों पर बनी रहेगी और उन्हें उनके मार्ग पर चलने में मदद करेगी।